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Vedic Clock

vedic ghadi

Clock Wise (CW) - Anti-Clock Wise (ACW)

ब्रह्माण्ड का प्रत्येक गृह और नक्षत्र पूर्व से उत्तरवर्ती होते हुए पश्चिम में जाता हैं। प्रकृति के अनुसार चलने के कारण इसे हम सीधी दिशा में जाना कहते हैं (Anti-clock wise). दूसरी तरफ वर्तमान में प्रचलित घड़ियाँ पूर्व से दक्षिणवर्ती होते हुए पश्चिम में जाती है, अतः इसे हम उल्टी या विपरीत दिशा में जाना कहते हैं (Clock-wise).

anti clock wise
clock wise
Anti clock - Clock wise

Anti-clock wise

Clock wise

about vedic ghadi

वैदिक घड़ी – शुभ घड़ी – मंगल घड़ी क्या है?
ब्रह्माण्ड के प्रत्येक गृह और नक्षत्र के घूमने की दिशा से हम जानकार हैं (ACW). उनके घूमने की दिशा को जब हम वर्तमान में प्रचलित घड़ियों के चलने की दिशा (CW) से तुलना करें तो पता चलता है कि दोनों की दिशाएँ विपरीत हैं। निश्चित ही हम कह सकते हैं कि प्रचलित घडी उलटी दिशा में चल रही है (CW). तो क्या कोई ऐसी घडी भी बन सकती है, जो सीधी (जी हाँ, सीधी) दिशा में चल सके (ACW). वो घड़ी जो कि ब्रह्माण्ड के घूमने की दिशा के अनुरूप चले, उसे हम वैदिक घड़ी, शुभ घड़ी या मंगल घड़ी कह सकते हैं।

  • ब्रह्माण्ड में घूमने वाले तारे, गृह और नक्षत्र सभी सीधी दिशा (ACW) में घुमते हैं।
  • गेहूं पिसने की चक्की सीधी दिशा में धूमती है।
  • विवाह के समय फेरे सीधी दिशा में लिए जाते हैं।
  • सभी नृत्यों में गोल घूमना सीधी दिशा में होता है।
  • वृक्ष पर बेल सीधी दिशा में चढ़ती है।
  • पानी में पड़ने वाला भँवर और आता हुआ चक्रवात सीधी दिशा में घूमता है।
  • विद्युत से चलने वाली सभी मोटर और पंखे सीधी दिशा में घुमते हैं।

यदि ये सभी सीधी दिशा (ACW) में चलते हैं तो हम हमारे घर में उल्टी दिशा (CW) में चलने वाली घड़ी क्यों लगाएँ?

वैदिक घड़ी से जीवन में ऊर्जा आती है।

घर और ऑफिस में उपयोग की जाने वाली घड़ियों का हमारे व्यक्तिगत जीवन और उर्जा से विशेष सम्बन्ध होता है। शुभ एवं मंगल समय के लिए घर, दूकान और कार्यालय में सही स्थान पर प्रकृति के साथ तालमेल बैठाने वाली ये वैदिक घड़ी लगाएँ और जीवन की समस्याओं से मुक्ति पाएँ।

ज्योतिष और वास्तु की सहायता से विपरीत परिस्थितियों के दोषों को कम किया जा सकता है और अपने अनुकूल बनाया जा सकता है। वास्तु के अनुसार घर और ऑफिस में यदि सही जगह पर घड़ी लगायी जाये तो इनके बड़े अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।

भारत वर्ष के कई आदिवासी समुदाय जो गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ (गोंडवाना) के निवासी हैं, आज भी सीधी घड़ी या वैदिक घड़ी (ACW) के अनुसार समय देखते है। उनका मानना है कि इस सीधी घड़ी से ही व्यक्ति विशेष या समाज का मंगल हो सकता है।

about vedic ghadi

वैदिक घड़ी की ये विशेषताएँ है:
(1). इसे वैदिक घड़ी, शुभ घड़ी या मंगल घड़ी के नाम से जाना जाता है।
(2). वर्तमान में प्रचलित घड़ियाँ ब्रह्माण्ड के घूमने की दिशा के विपरीत या उलटी चलती है। जबकि वैदिक घडी सीधी दिशा में चलती है।
(3). इसमें लिखे गए अंक भी प्रचलित घड़ियों की तुलना में विपरीत लिखे गए हैं।
(4). शुरू में इस घड़ी से समय देखना अटपटा लगता है किन्तु प्रकृति के अनुसार घूमने के कारण एक दिन के भीतर ही व्यक्ति इससे समय देखने का अभयस्त हो जाता है।
(5). प्रकृति के अनुरूप चलने के कारण इसे अपनाने पर जोर दिया जाता है।
(6). दुनियाँ के सफल व्यक्ति जो भाग्य के भरोसे अंकों के आधार पर दाँव लगाते हैं, वो कहीं ना कहें गुप्त रूप से वैदिक घड़ी से जुड़े रहते हैं।

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